USB full form and meaning in hindi language

USB की फुल फॉर्म क्या होती है?

USB की अंग्रेजी में फुल फॉर्म Universal Serial Bus होती है और इसे हिंदी में यूनिवर्सल सीरियल बस कहा जाता है। USB एक इंडस्ट्री मानक होता है और यह कंप्यूटर, लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच में कनेक्शन, डेटा स्थानांतरण और बिजली की आपूर्ति का कार्य करता है। इसे उपयोग किए जाने वाले कनेक्टर, केबल और संचार प्रोटोकॉल को परिभाषित करने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है। USB मानक को वर्ष 1996 में निर्मित किया गया था। USB मानक वर्तमान में USB Implementers Forum (USB-IF) द्वारा नियंत्रित की जाती है।

USB क्या होती है?

यह एक USB port होता है और यह एक प्रकार का स्टैंडर्ड केबल कनेक्शन होता है। USB पर्सनल कम्प्यूटर व उपयोगकर्ता के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच एक कनेक्टिविटी को प्रदान करता है। सामान्य रूप से इसका कनेक्टर कई प्रकारों से संबंधित है। इसके तीन मुख्य प्रकार होते हैं: 

  • USB 1.1
  • 2.0 
  • 3.0

USB डेटा ट्रांसफर करने के कितने प्रकार होते है?

USB डेटा ट्रांसफर करने के 5 प्रकार होते है:

1) Low Speed (1.0, 1.5 Mbit/s के बीच की गति)

2) Full Speed (1.0, 12 Mbit/s के बीच की गति)

3) High Speed (2.0, 480 Mbit/s के बीच की गति)

4)SuperSpeed (3.0, 5 Gbit/s के बीच की गति)

5)SuperSpeed+ (3.1, 10 Gbit/s के बीच की गति)

USB टाइप C क्या होता है?

USB टाइप C को 3.1 के साथ विकसित किया गया है और टाइप C, USB को प्लग के साथ उल्टा जोड़ने की अनुमति प्रदान करता है। इसके हर साइड के पिन कनेक्टर में 12 पिन मौजूद होते हैं। आज कल कुछ आधुनिक स्मार्ट फोन के चार्जर भी USB टाइप सी के साथ ही आ रहे है। USB को अन्य उपकरणों जैसे की कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, डिस्क ड्राइव आदि के बीच डेटा को ट्रांसफर और बिजली की आपूर्ति को करने के लिए भी किया जाता है।

USB का इतिहास क्या है?

USB को वर्ष 1994 में सात कंपनियों के समूहों के द्वारा विकसित किया गया था। USB को Compaq, DEC, IBM, Microsoft, Intel, NEC और Nortel कंपनियों के समूहों द्वारा विकसित किया गया है। USB बाहरी उपकरणों को कंप्यूटर से आसानी से कनेक्ट करने के लिए विकसित किया गया था। आप एक USB का उपयोग Windows, Mac और Linux जैसे कई प्लेटफार्मों में कर सकते है।

USB डिवाइस को कंप्यूटर से कैसे कनेक्ट करते है?

USB डिवाइस को लैपटॉप और कंप्यूटर से जोड़ना बहुत ही सरल होता है। आपको किसी कंप्यूटर या लैपटॉप के USB पोर्ट में USB डिवाइस को लगाना होता है और यह स्वचालित रूप से डिवाइस का पता लगा लेता है। इसके बाद यह अपना काम करना शुरू कर देता है। जब USB डिवाइस को लगाया जाता है, तब यह आपको आपके कंप्यूटर को रिबूट करने के लिए नहीं कहता है। USB कनेक्टर के तीन निम्नलिखित मूल आकार होते हैं:

1) Standard

2) Mini

3) Micro

USB के लाभ क्या है?

  • तेज गति: USB आपको विभिन्न गति मोड प्रदान करता है। यह RS232 और parallel port की तुलना में अधिक कुशल और तेज होती है। यह आपको 1.5Mbit/s से 5 Gbit/s तक की गति प्रदान कर सकता है। वर्ष 2013 में USB 3.1 की शुरुआत के साथ, इसकी गति को 10 Gbit/s तक बढ़ा दिया था। इसे Super Speed+ के नाम से भी जाना जाता है।
  • विश्वसनीयता: USB प्रोटोकॉल डाटा ट्रांसफर के दौरान त्रुटियों को पकड़ सकता है और यह ट्रांसमीटर को फिर से डेटा को भेजने के लिए भी सूचित करता है। एक जेनेरिक USB ड्राइवर और विशिष्ट ड्राइवर सॉफ़्टवेयर त्रुटि-मुक्त डेटा संचार को सुनिश्चित करते है।
  • कम बिजली का उपयोग: USB डिवाइस अधिकतर + 5V पर काम करते हैं और यह Milliampere के रूप में ही बिजली लेते है। इसका उपयोग करने पर आपको बाहरी बिजली आपूर्तिकर्ताओं की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है क्योंकि यह उपकरणों के लिए आवश्यक शक्ति उसी पोर्ट से ले लेता है।
  • उपयोग में सरलता: इसका उपयोग करना बहुत ही सरल होता है।
  • विस्तार में सरल: एक कंप्यूटर में आमतौर पर 3 या 4 USB पोर्ट उपलब्ध होते हैं। अगर आपको अधिक USB पोर्ट की आवश्यकता हो, तो आप बाहरी पोर्ट्स को जोड़ने के लिए USB हब का उपयोग कर सकते है।